पतंजलि योग सूत्र १. समाधि पाद:


The Yoga Sutras of Patañjali is a collection of Sanskrit sutras (aphorisms) on the theory and practice of yoga

It has four section. 

This blog post is on 1st section. SAMAADHI PAAD: 

योग: चित्त  वृत्ति निरोधः 

चित्त भूमि प्रकार:

  • 1.क्षिप्त
  • 2. विक्षिप्त
  • 3. मूढ़
  • 4.एकाग्र एवं
  • 5. निरुद्ध
How  चित्त  वृत्ति निरोधः?

1. अभ्यास : तत्र स्थितौ यत्न: स तु दीर्घकालनैरन्तर्यसत्कारासेवितो दृढभूमिः
2. वैराग्यम् : दृष्टानुश्रविकविषयवितृष्णस्य वशीकारसंज्ञा वैराग्यम्






How  असम्प्रज्ञात समाधि ?

1. श्रद्धा
2. वीर्य
3. स्मृति
4. समाधि ( concentration )
5. प्रज्ञा
6. ईश्वर-प्रणिधानात्

चित्त विक्षेपा: = अन्तरायाः

1. व्याधि = Illness in the Body
2. स्त्यान = Dullness in the Minde
3. संशय = Doubt
4. प्रमाद = Carelessness
5. आलस्य = Laziness
6. अविरति = Stuck in sense pleasures
7. भ्रान्ति-दर्शन = Living in a fantasy world
8. अलब्ध-भूमिकत्व = Not getting result of practice
9. अनवस्थितत्व = Not being stable in the practice 

Symptoms

1. दुःख: = Misery
2. दौर्मनस्य = Bitterness
3. अङ्गमेजयत्व = Lack of control on ones Body
4. श्वास = Imbalance in In-Breath
5. प्रश्वास: =  Imbalance in Out-Breath


How to get चित्त-प्रसादनम् 

1. behave with people as follows

मैत्री : सुख
करुणा  : दुःख
मुदिता  : पुण्य
उपेक्षणाम् : अपुण्य

2. प्राणायाम

2.1 KAPALI BHATI
2.2 BHASTRIKA
2.3 BOGAR

3. विषयवती  वा  प्रवृत्ति: 

4. विशोका (No TAMAS, No RAJAS) वा ज्योतिष्मति प्रवृत्ति 

5. वीत राग विषयम् चित्तम् ( Think about enligtened masters )

6. स्वप्न निद्रा ज्ञान आलम्बनम् (Knowledge about dream and sleep)

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