पायलट मोहित की कविता...
अब से डेढ़ घंटे में होगा गंतव्य पर प्रस्थान,
तो जरा देकर खुद को आराम और न करें धूम्रपान,
वर्ना दंडनीय हो सकता है अंजाम...
अगर ऊंचाई की बात करें तो होगा छत्तीस हजार फीट का मुकाम,
क्योंकि अगर और ऊपर गए तो शायद दिख सकते हैं भगवान
800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ेगा यह विमान,
सर्दी बहुत होगी बाहर और शून्य से पैंतालीस डिग्री सेंटीग्रेड होगा तापमान...
अगर मौसम खराब हो तो कुछ देर करें विश्राम,
और कोई भी आवश्यकता हो तो बेझिझक करें विमानकर्मियों को परेशान,
थोड़ा लिमिट में ही करें, वर्ना बन सकती हैं शैतान...
सभी विमानकर्मियों से गुजारिश है, कृपया बनाए रखिएगा मुस्कान
आप सभी का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उपलब्ध है जलपान...
आप सहयात्रियों से वार्तालाप करें, शायद रास्ता कटे आसान,
मैं आपसे विदा लूंगा और बातें होंगीं आखिरी चरण के दौरान
तब तक आनंद लीजिएगा, जमीन से ऊपर खूबसूरत होगा आसमान...एंजॉय द फ्लाई।
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